आईएसपी क्या है
आईएसपी ( ISP ) का विस्तारित रूप इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडर ( internet service provider ) है इसके द्वारा उपयोगकर्ता को इंटरनेट(internet) अकाउंट ई-मेल अकाउंट प्रदान किया जाता है अर्थात यह उपयोगकर्ता को इंटरनेट(internet) प्रयोग करने की अनुमति प्रदान करता है ।
( ISP full form : internet service provider )
आईएसपी कैसे काम करता है ( how does is work )
सामान्यतया आईएसपी ( ISP ) के द्वारा उपयोगकर्ता से अपनी सेवाओं के लिए कुछ शुल्क लिया जाता है लेकिन कुछ सरकारी व शैक्षणिक संस्थानों को मुफ्त में सेवाएं उपलब्ध कराते हैं आईएसपी उपयोगकर्ता को NEP ( Network Entry Point ) या POP ( Point of Presence ) के माध्यम से इंटरनेट से जोड़ते हैं ।
यदि हम अपने ऑफिस में भारत में बैठे हुए विश्व की किसी अन्य वेबसाइट से संपर्क करना चाहते हैं तो उसके लिए हमें अपने कंप्यूटर को स्थानीय इंटरनेट एक्सेस प्रोवाइडर से जुड़ना होगा । नवंबर 1998 तक भारत में मात्र एक ही इंटरनेट एक्सेस प्रोवाइडर जिसे VSNL के नाम से जाना जाता है परंतु दिसंबर 1998 में सरकार ने निजी कंपनियों को आईएसपी हेतु लाइसेंस प्रदान किए निजी कंपनियों में सत्यम कम्युनिकेशन कंपनी को भारत में प्रथम आईएएसपी लाइसेंस प्राप्त हुआ इसके उपरांत मंत्रा ऑनलाइन सिगमा ऑनलाइन डिशनेट और एमटीएनएल ने यह कार्य आरंभ किया ।
एसपी के द्वारा इंटरनेट एक्सेस करने की विधियां निम्न है ( methods of accessing internet through SP )
1. समर्पित कनेक्शन ( Dedicated Connection ) : एक Leased Line , 56 kbps या 64Kbps या एक TL लिंक 1.544 mbps को एक LAN/WAN के गेटवे कंप्यूटर या राउटर / ब्रिज ( Router / Bridge ) से जोड़ता है ।
2. ऑन डिमाण्ड कनेक्शन (On Demand Connection): इसमें उपयोगकर्त्ता मॉडेम(Modem) की सहायता से डॉयल-अप करके ISP या ISDN नम्बर डॉयल करता है।
3. डॉयल अप शेल एकाउण्ट (Dial-up Shell Account): इस प्रकार के कनेक्शन में उपयोगकर्त्ता कम्प्यूटर की सहायता से एक कम्प्यूटर के साथ कनेक्ट होता है। उपयोगकर्त्ता X-Modem, Z-Modem या Kermit प्रोटोकॉल की सहायता से डाटा डाउनलोड करता है।
4. SLIP/PPP (Serial Line Internet Protocol/Point to Point Protocol Account): इस प्रकार के कनेक्शन में उपयोगकर्त्ता के समस्त अनुप्रयोग कम्प्यूटर पर रन होते हैं।
5. Part-time Polled Connection: इस प्रकार का कनेक्शन UUCP पर आधारित होता है। उपयोगकर्त्ता संगठन को ई-मेल आदि सुविधायें ISP डॉयल अप कनेक्शन के द्वारा समय अंतरालों पर उपलब्ध होती है।
ISP से संबंधित कुछ प्रमुख बिंदु निम्न हैं।
(1) गतिः ISP के द्वारा प्रदान की गई डाटा स्थानान्तरण की दर एक प्रमुख बिन्दु है। अतः हमें अधिकतम गति वाले इंटरनेट कनेक्शन को लेना चाहिए।
(2) इंटरफेस : इंटरनेट से जुड़े हुए सभी कम्प्यूटर्स का इंटरफेस अलग-अलग होता है। प्रत्येक इंटरनेट सर्विस द्वारा हमारे कम्प्यूटर को एक अलग इंटरफेस प्रदान किया जाता है जैसे ग्राफिकल इंटरफेस मेन्यू ब्रिविन इंटरफेस। अतः इंटरफेस का चुनाव करना 1 उपयोगकर्त्ता पर निर्भर करता है।
(3) संग्रहण क्षमता: हमें ऐसे ISP का चुनाव करना चाहिए जो अधिक संग्रहण क्षमता प्रदान करता हो।
(4) सॉफ्टवेयर : किसी भी कम्प्यूटर को किसी अन्य कम्प्यूटर से कनेक्ट करने के लिए कम्यूनिकेशन सॉफ्टवेयर की आवश्यकता होती है। प्रायः उपयोग में लाए जाने वाले कम्यूनिकेशन सॉफ्टवेयर निम्न है
Macintosh: Zterm, Versaterm, Microsophonell, Kermit PC with DOS: Qmodem, Procomm Telemate, Kermit
PC Running Microsoft Windows: Procomm Plus, Netscape Navigator
(5) सुरक्षाः किसी उपयोगकर्त्ता की अनुमति के बिना कोई अन्य उपयोगकर्त्ता उसकी सूचनाओं का उपयोग न कर सके ऐसी सुरक्षा ISP के द्वारा प्रदान की जानी चाहिए।
(6) तकनीकी सुविधाएँ : ISP के द्वारा उपयोगकर्ता को वांछित और आवश्यक तकनीकी सुविधाएँ प्रदान की जानी चाहिए।
भारत में निम्न Internet Service Provider हैं ( ISP provider in India )
(1) VSNL (विदेश संचार निगम लिमिटेड)
(2) MTNL (महानगर टेलीफोन निगम लिमिटेड)
(3) Satyam On Line
(4) BSNL (भारत संचार निगम लिमिटेड)
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